शनिवार, 13 अगस्त 2022

ऐसे करें प्रार्थना तो पूरी होगी कामना





जय श्री कृष्णा

सभी साथियों को नमस्कार

आप देख रहे हैं कालचक्र  

  आज हम बात करंेगे प्रार्थना करने के सही तरीकों पर। अगर आप इन तरीकों को अपनाते हैं तो यकीन मानिए आपकी प्रार्थना चाहे धन की हो या संतान की या फिर नौकरी की जरूर पूरी होगी। आइए जानते हैं ऐसे कौन से तरीके हैं जिनसे प्रार्थना आपके ईष्ट तक आसानी से पहुंच जाती है।


साथियों,  प्रार्थना में वाकई बहुत शक्ति होती है अगर आप इसके जरिए अपनी मनोकामना की पूर्ति चाहते हैं तो जरूरी है कि प्रार्थना को सही तरीके से किया जाए। हम अपनी मेहनत और दिमाग से काबिल तो बन जाते हैं, लेकिन कभी-कभी कुछ मौकों पर हमारी काबिलियत भी हमारे काम नहीं आ पाती।

ये ऐसे मौके होते हैं जब कुछ घटनाओं पर हमारा जोर नहीं चलता। इसी को हम अपनी जुबान में बुरा दौर कहते हैं और इंसान की फितरत ही ऐसी है कि बुरे दौर में ही उसे ईश्वर की याद आती है।  तब मनुष्य उनकी शरण में जाकर उनसे अपनी मनोकामना की प्रार्थना करने लगता है। 

अगर आप चाहते हैं कि आप की पुकार भगवान तक पहुंचे तो आपको प्रार्थना करने के सही तरीके के बारे में पता होना चाहिए।

 ईश्वर से अपने दिल की बात कहना ही प्रार्थना है। प्रार्थना से व्यक्ति अपने या दूसरों की इच्छा पूर्ति का प्रयास करता है। वैसे तंत्र मंत्र ध्यान और जाप भी प्रार्थना का ही एक रूप है।


 प्रार्थना से प्रकृति में आप के अनुरूप बदलाव होते हैं। कोई प्रार्थना एक साथ कई लोग करें तो वह ज्यादा प्रभावित हो जाती है एक साथ प्रार्थना करने पर प्रकृति में तेजी से बदलाव होता है। 


प्रार्थना अनसुनी क्यों हो जाती है

 इंसान को कभी कभी लगता है कि वह ईश्वर से प्रार्थना तो खूब कर रहा है, लेकिन यह सुनी नहीं जा रही है अगर आप भी इस स्थिति में हैं तो हम आपको बताते हैं कि आखिर क्यों कभी-कभी प्रार्थनाएं नाकाम हो जाती हैं। प्रार्थना के नाकाम होने की कुछ वजह हैं 

जैसे आहार और व्यवहार पर नियंत्रण न रखने से प्रार्थना नाकाम होती है। माता-पिता का सम्मान न करने से प्रार्थना असफल होती है। प्रार्थना से आपका ही नुकसान हो रहा हो तो भी प्रार्थना नाकाम हो जाती है अतार्किक प्रार्थना भी असफल हो जाती है 


प्रार्थना के नियम 



सही तरीके से की गई प्रार्थना जीवन में चमत्कारी बदलाव लाती है।

 प्रार्थना सरल और साफ तरीके से की जानी चाहिए 

आसानी से बोली जाने वाली प्रार्थना करनी चाहिए 

शांत वातावरण में प्रार्थना करना सबसे बढ़िया होता है।

 खासतौर पर मध्य रात्रि में प्रार्थना जल्दी स्वीकार हो जाती है। 

 प्रार्थना को रोज एक ही समय पर करना अच्छा होता है।

 दूसरे के नुकसान के उद्देश्य से अतार्किक प्रार्थना न करें

दूसरे के लिए प्रार्थना करने से पहले उसके बारे में सोचें और फिर प्रार्थना शुरू करें।


एसे करें प्रार्थना 

 सबसे पहले एकांत स्थान में बैठे।

 अपनी रीढ़ की हड्डी को बिल्कुल सीधा रखें।

अब अपने ईष्ट, गुरु, ईश्वर का ध्यान करें।

ईश्वर ने अब तक जो आपको दिया है, पहले उसके लिए उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करें

उसके बाद जो प्रार्थना करनी है उसे करें। 

अपनी प्रार्थना को अपने तक ही रखें जब भी मौका मिले अपनी प्रार्थना दोहराते रहें। 

अगर आपने इन तरीकों से सच्चे मन से प्रार्थना की तो यकीनन आपकी मनोकामना पूरी होगी

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