लखनऊ: घर खरीदना हर किसी का सपना होता है, लेकिन इस सपने को पूरा करने के चक्कर में हजारों लोग अपने जीवन भर की कमाई गवां देते हैं। केवल तीन शहरों में ही लोग नौ सौ करोड़ रुपये से अधिक गंवा चुके हैं। जी हां, जब लोग गलत कोलोनाइजर के संपर्क में आते हैं तो उनको न सिर्फ जेब खाली करनी पड़ती है, बल्कि वो अपने प्लॉट पर कब्जा लेने के लिए भी भटकने के लिए मजबूर होते हैं। यह एक बड़ा दुर्भाग्य है कि सरकारी अफसर इस ओर तब ध्यान देते हैं, जब ऐसे लोगों की मेहनत की कमाई को जालसाज हड़प लेते हैं।
जैसे-जैसे शहरीकरण बढ़ रहा है लोगों को मकान और जमीन की जरूरत बढ़ती जा रही है। इसी के चक्कर में अब तक यूपी के तीन सबसे बड़े शहर राजधानी लखनऊ के अलावा नोएडा और गाजियाबाद में सबसे अधिक लोग ठगे गए हैं। इसीलिए इन तीन शहरों में मकान, फ्लैट या जमीन लेते समय बहुत अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है।
दरअसल, यूपी रेरा ने जो आंकड़े जारी किए हैं, वह बेहद डराने वाले हैं। अब तक लखनऊ के अलावा नोएडा और गाजियाबाद में ही मकान का सपना दिखाकर लोगों से करीब नौ सौ करोड़ रुपये ठगे जा चुके हैं। अब तक 881 करोड़ रुपये की आरसी बिल्डरों को वसूली के लिए जारी की जा चुकी है। दिल्ली से सटे नोएडा में मकान या फ्लैट खरीदना सबसे खतरनाक है। यहां पर हर दूसरा और तीसरा बिल्डर या कोलोनाइजर डिफाल्टर श्रेणी में है। यहां पर अब तक 1850 आरसी जारी की जा चुकी हैं। करीब 630 करोड़ रुपये की इन आरसी से वसूली जानी है। यानी बिल्डर निवेशकों का इतना पैसा मकान या फ्लैट देने के नाम पर हजम कर चुके हैं। यह तो केवल रेरा की नोटिस में दर्ज रकम की बात है मूल डूबी रकम इससे कई गुना है।
लखनऊ में ठगी के इस मामले में कतई पीछे नही है। यहां पर भी करीब 740 मामलों में बिल्डरों को वसूली के लिए आरसी जारी की जा चुकी है। यहां पर भी करीब डेढ़ सौ से लेकर दो सौ करोड़ रुपये की केवल आरसी जारी की चुकी है। अगर दूसरे अन्य मामलों की बात करें तो करीब एक हजार करोड़ रुपये निवेशकों के बिल्डर हड़पकर फरार हो चुके हैं। एनसीआर में मकान लेने की चाहत में गाजियाबाद भी डिफाल्टर बिल्डरों की पसंद बनता जा रहा है। यहां पर भी 430 मामलों में आरसी जार की जा चुकी हैं सौ करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की जानी है। दरअसल, यह आंकड़ा भी बहुत छोटा है। इन शहरों में तमाम ऐसे बिल्डर और कोलोनाइजर हैं जो लोगों को प्लाट या मकान बेचने के नाम पर ठग रहे हैं।
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश का कहना है कि जिनको मकान या प्लॉट चाहिए वह एलडीए या दूसरी सरकारी योजनाओं के तहत खरीदें। अगर प्राइवेट बिल्डर से खरीद रहे हैं तो इस बात की पुष्टि अवश्य करें कि रेरा से पंजीकृत है या नहीं।
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