20 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान का पानी शरीर के लिए नुकसानदायक है। मनुष्य के शरीर का सामान्य तापमान 98.6 डिग्री फॉरेनहाइट यानी 37 डिग्री सेल्सियस होता है। ऐसे में अगर आप 20 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान का पानी पीते हैं तो आपके शरीर में तापमान का एक बड़ा अंतर हो जाएगा। इस अंतर को कवर करने में आपके शरीर को एक अतिरिक्त ऊर्जा खर्च करनी पड़ेगी। जबकि यह उर्जा भोजन को पचाने के लिए खर्च होनी थी, ऐसे में ठंडा पानी आपके पाचन को भी प्रभावित करता है। यही वजह है कि जब भी हम ठंडा पानी पीते हैं तो उसे उसे निगलने में थोड़ा समय लगता है, क्योंकि पहले पानी मुंह में ही रहता है जब उसका तापमान सामान्य हो जाता है, तभी गला उसे नीचे उतारता है और अधिक समय तक ठंडा पानी पीते रहने से टॉन्सिल्स की समस्या उत्पन्न होती है।
ठंडा पानी पीने से होने वाले ये तीन बड़े नुकसान
1. हृदय गति कम करता है
ठंडा पानी पीने से आपके हृदय की गति कम हो जाती है। अध्ययनों से पता चला है कि ठंडा पानी वेगस तंत्रिका को उत्तेजित करता है। वेगस तंत्रिका 10 वीं कपाल तंत्रिका है तथा यह शरीर के स्वायत्त तंत्रिका प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो शरीर के अनैच्छिक कार्यों को नियंत्रित करती है। वेगस तंत्रिका हृदय की गति को कम करने में मध्यस्थता करती है तथा ठंडा पानी इस तंत्रिका को उत्तेजित करता है। इसके कारण हृदय की गति कम हो जाती है।
2. शरीर में पोषक तत्वों की कमी
ठंडा पानी आपके भोजन की पाचन प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करता है, क्योंकि ठंडा पानी पीने से रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं। इससे पाचन की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है। जब पाचन ठीक से नहीं होगा तो भोजन के पोषक तत्व भी शरीर में नहीं लगेंगे।
3. कब्ज की समस्या
ठंडा पानी पीने से शरीर में बनने वाले पाचक रस का तापमान भी कम हो जाता है। इससे भोजन के पाचन में कठिनाई होती है और ठंडे पानी से पेट की बड़ी आंत भी सिकुड़ जाती है जो कब्ज का मुख्य कारण है। जिन लोगों को अक्सर कब्ज की समस्या होती है उन्हें ठंडा पानी पीने से बचना चाहिए।
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