माना जाता है कि मनुष्य के भोजन में पिछले 4500 सालों से दही का प्रयोग होता आ रहा है। दही को सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। इसमें कुछ ऐसे रासायनिक पदार्थ होते हैं, जिसके कारण यह दूध की अपेक्षा जल्दी पच जाता है। जिन लोगों को पेट की परेशानियां जैसे- अपच, कब्ज, गैस की बीमारियां घेरे रहती हैं, उनके लिए दही या उससे बनी लस्सी, मट्ठा, छाछ का उपयोग करने से आंतों की गर्मी दूर हो जाती है। डाइजेशन अच्छी तरह से होने लगता है और भूख खुलकर लगती है। दही में एक ऐसा पदार्थ पाया जाता है जो रक्त में उपलब्ध कोलेस्ट्रोल को कम करता है, इसलिए यह हृदय रोग में लाभ पहुंचाता है। दही का समुचित मात्रा में सेवन प्रतिरोधी क्षमता का विकास करता है।
ये भी हैं फायदें
1- त्वचा को नर्म और साफ रखने के लिए दही में नींबू का रस मिलाकर चेहरे, गले व बाहों पर लगाने से त्वचा में चमक आती है।
2- दही में बेसन मिलाकर लगाने से त्वचा की सफाई हो जाती है। इस प्रयोग से मुंहासों में भी लाभ होता है।
3- दही में चोकर मिलाकर दस मिनट रखें। फिर इसे उबटन की तरह प्रयोग करें। इससे त्वचा को विटामिन ‘सी’ और ‘ई’ मिलता है। इससे चमक बनी रहती है।
4- दही में काली मिट्टी मिलाकर बाल धोने से बाल मुलायम, चमकीले व घने हो जाते हैं।
5- दही का रोजाना सेवन सर्दी और सांस की नली में होने वाले इंफेक्शन से बचाता है।
6- मुंह के छालों को कम करने के लिए दिन में कई बार दही की मलाई लगाएं। इसके अलावा शहद व दही की समान मात्रा मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से मुंह के छाले दूर हो जाते हैं।
7-दही में बेसन घोलकर बालों की जड़ों में लगाकर एक घंटे बाद सिर धो लें। इससे बालों की चमक लौट आएगी।
सावधानियां
1. शाम के भोजन और रात्रि में दही का सेवन नहीं करें।2. विद्यार्थियों को परीक्षा के दिनों में दही का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए। दही आलस्य लाता है।
3. खट्टा दही सेवन न करें। ताजे दही का प्रयोग करें।
4. सर्दी, खांसी, अस्थमा के रोगियों को भी दही से परहेज करना चाहिए।
5. त्वचा रोगों में दही का सेवन सावधानी पूर्वक डॉक्टर की सलाह लेकर करना चाहिए।
6. अर्श (पाईल्स ) के रोगियों को भी दही का सेवन सावधानीपूर्वक करना चाहिए।