शनिवार, 16 अप्रैल 2016

पेट के लिए फायदेमंद है दही


माना जाता है कि मनुष्य के भोजन में पिछले 4500 सालों से दही का प्रयोग होता आ रहा है। दही को सेहत के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। इसमें कुछ ऐसे रासायनिक पदार्थ होते हैं, जिसके कारण यह दूध की अपेक्षा जल्दी पच जाता है। जिन लोगों को पेट की परेशानियां जैसे- अपच, कब्ज, गैस की बीमारियां घेरे रहती हैं, उनके लिए दही या उससे बनी लस्सी, मट्ठा, छाछ का उपयोग करने से आंतों की गर्मी दूर हो जाती है। डाइजेशन अच्छी तरह से होने लगता है और भूख खुलकर लगती है। दही में एक ऐसा पदार्थ पाया जाता है जो रक्त में उपलब्ध कोलेस्ट्रोल को कम करता है, इसलिए यह हृदय रोग में लाभ पहुंचाता है। दही का समुचित मात्रा में सेवन प्रतिरोधी क्षमता का विकास करता है।

ये भी हैं फायदें

 

1- त्वचा को नर्म और साफ रखने के लिए दही में नींबू का रस मिलाकर चेहरे, गले व बाहों पर लगाने से त्वचा में चमक आती है।
2- दही में बेसन मिलाकर लगाने से त्वचा की सफाई हो जाती है। इस प्रयोग से मुंहासों में भी लाभ होता है।
3- दही में चोकर मिलाकर दस मिनट रखें। फिर इसे उबटन की तरह प्रयोग करें। इससे त्वचा को विटामिन ‘सी’ और ‘ई’ मिलता है। इससे चमक बनी रहती है।
4- दही में काली मिट्टी मिलाकर बाल धोने से बाल मुलायम, चमकीले व घने हो जाते हैं।
5- दही का रोजाना सेवन सर्दी और सांस की नली में होने वाले इंफेक्शन से बचाता है।
6- मुंह के छालों को कम करने के लिए दिन में कई बार दही की मलाई लगाएं। इसके अलावा शहद व दही की समान मात्रा मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से मुंह के छाले दूर हो जाते हैं।
7-दही में बेसन घोलकर बालों की जड़ों में लगाकर एक घंटे बाद सिर धो लें। इससे बालों की चमक लौट आएगी।

सावधानियां

1. शाम के भोजन और रात्रि में दही का सेवन नहीं करें।
2. विद्यार्थियों को परीक्षा के दिनों में दही का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए। दही आलस्य लाता है।
3. खट्टा दही सेवन न करें। ताजे दही का प्रयोग करें।
4. सर्दी, खांसी, अस्थमा के रोगियों को भी दही से परहेज करना चाहिए।
5. त्वचा रोगों में दही का सेवन सावधानी पूर्वक डॉक्टर की सलाह लेकर करना चाहिए।
6. अर्श (पाईल्स ) के रोगियों को भी दही का सेवन सावधानीपूर्वक करना चाहिए।

शुक्रवार, 8 अप्रैल 2016

अरबी के भजिये खाएं, जोड़ों का दर्द भगाए


अरबी को अलग-अलग जगह कई नामों से जाना जाता है। अरबी को कभी कच्चा नहीं खाना चाहिए। इसकी पत्तियों और कंदों को भलि-भांति उबालकर ही उपयोग में लाना चाहिए।  इसकी पत्तियों को जलाकर उसकी राख को नारियल तेल में मिलाकर फोड़े-फुंसियों पर लगाने से लाभ होता है। अरबी के पत्तों में बेसन लगाकर भजिए बनाकर खाने से जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है। कोशिश होनी चाहिए कि अरबी की सब्जी बनाते समय कम तेल का प्रयोग करें। अरबी की सब्जी खाने के कई फायदे हैं। इसमें प्रचुर मात्रा में सोडियम, मैग्नीशियम, विटामिन और एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। अरबी खाने से गुर्दे, मांसपेशियां और शरीर की नसें सभी ठीक रहकर काम करती हैं।

अरबी खाने के फायदे


1. ब्लड प्रेशर और दिल से जुड़ी समस्याओं से बचाव के लिए


अरबी में सोडियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इसके अलावा ये पोटैशियम और मैग्नीशियम के गुणों से भी भरपूर है, जिसके कारण यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है।  साथ ही ये तनाव दूर रखने में भी मददगार है।

2. कैंसर से बचाव के लिए

अरबी में विटामिन ए, विटामिन सी और एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं को विकसित होने से रोकते हैं।

3. मधुमेह के रोगियों के लिए भी फायदेमंद

अरबी में पर्याप्त मात्रा में फाइबर्स पाए जाते हैं।  अरबी खाने से इंसुलिन और ग्लूकोज की मात्रा का संतुलन बना रहता है।

4. वजन कम करने में सहायक

अरबी भूख को नियंत्रित करने का काम करती है।  साथ ही इसमें मौजूद फाइबर्स मेटाबॉलिज्म को सक्रिय बनाते हैं, जिससे वजन नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।

5 . त्वचा की सेहत

 अरबी की जड़ों में विटामिन ए और ई पाया जाता है। इसकी वजह से यह त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखने में मदद करता है। इसमें मौजूद ये सभी विटामिन शरीर की त्वचा को लंबे समय तक सेहतमंद और चमकदार बनाए रखते है।


    

बुधवार, 6 अप्रैल 2016

पाचन क्रिया में पान फायदेमंद



पूजा-अर्चना हो या फिर बरातियों का स्वागत करना हो सभी में पान के पत्ते का इस्तेमाल किया जाता है। पान खाना पाचन क्रिया के लिए फायदेमंद है। ये सैलिवरी ग्लैंड को सक्रिय करके लार बनाने का काम करता है, जोकि खाने को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ने का काम करता है। कब्ज की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए भी पान की पत्ती चबाना फायदेमंद है।  गैस्ट्रिक अल्सर को ठीक करने में भी पान काफी फायदेमंद है। पान की पत्ती खाने में थोड़ी कसैली होती है, लेकिन इसे खाने वाले इसमें सुपारी, कत्था, चूना और दूसरी कई चीजें मिलाकर खाते हैं। आमतौर पर लोग इसे गलत आदत मानते हैं, लेकिन हर चीज की तरह इसके भी कुछ फायदे हैं। पान खाने वालों को हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पान खाने के बाद कूड़ेदान का ही इस्तेमाल करें न कि किसी दीवार और सड़क का।

पान खाने के यह भी हैं फायदे


1. मुंह के स्वास्थ्य के लिए

पान के पत्ते में कई ऐसे तत्व होते हैं, जो बैक्टीरिया के प्रभाव को कम करने में सहायक होते हैं। जिन लोगों के मुंह से दुर्गंध आ रही हो उनके लिए पान फायदेमंद होता है।  पान खाने वालों के लार में एस्कॉर्बिक एसिड का स्तर भी सामान्य बना रहता है, जिससे मुंह संबंधी कई बीमारियां होने का खतरा कम हो जाता है।

2. मसूड़ों में सूजन या गांठ आ जाने पर

मसूड़े में गांठ या फिर सूजन हो जाने पर पान का इस्तेमाल काफी फायदेमंद होता है। पान में पाए जाने वाले तत्व इन उभारों को कम करने का काम करते हैं। इसके अलावा माथे पर पान के पत्ते का लेप करने से सिरदर्द दूर हो जाता है।

3. साधारण बीमारियों और चोट लगने पर

अगर आपको सर्दी है तो ऐसे में पान के पत्ते आपके लिए फायदेमंद रहेंगे। इसे शहद के साथ मिलाकर खाने से फायदा होता है।  साथ ही पान में मौजूद एनालजेसिक गुण सिर दर्द में भी आराम देता है। चोट लगने पर पान का सेवन घाव को भरने में मदद करता है।

4. थकावट दूर करता है

 पान के पत्तों के रस में शहद मिलाकर पीने से थकावट और कमजोरी दूर होती है। साथ ही यदि आपको जुकाम है तो पान में लौंग डालकर खाएं फायदा मिलेगा।

5. आठ हफ्तों में कम करे मोटापा

पान के पत्ते को काली मिर्च के दानों के साथ खाएं तो आठ हफ्तों में मोटापा कम होगा। काली मिर्च शरीर से मूत्र और पसीने को निकालती है। इससे शरीर से अत्यधिक पानी और गंदगी निकल जाती है। 

भूख बढ़ाता है जामुन



जामुन की प्रकृति अम्लीय और कसैली होती है, लेकिन इसका स्वाद खाने में मीठा होता है। अम्लीय होने के कारण जामुन को नमक के साथ खाया जाता है। इसके खाने से भूख बढ़ती है। जामुन में ग्लूकोज और फ्रक्टोज पाया जाता है। यह गर्मी के साथ ही बाजार में आने लगता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं। जामुन के सेवन से शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। यह पाचन तंत्र के लिए भी लाभकारी है। बस एक बात का ध्यान रखें कि कभी भी खाली पेट जामुन का सेवन न करें। न ही कभी जामुन खाने के बाद दूध का सेवन करें। अधिक मात्रा में भी जामुन खाने से परहेज करें।

जामुन खाने के फायदें 



1. मुंहासे होने पर जामुन की गुठलियों को सुखाकर पीस लीजिए। इस पाउडर में रात को सोते समय गाय का दूध मिलाकर चेहरे पर लगाइए, इस लेप को सुबह ठंडे पानी से धो लीजिए।

2. विटामिन सी की कमी को दूर करने के लिए जामुन खाना अच्छा रहता है। बहुत कम लोगों को यह मालूम होगा कि जामुन में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।

4. जामुन का सिरका बनाकर बराबर मात्रा में पानी मिलाकर सेवन करने से यह न केवल भूख बढ़ाती है, बल्कि कब्ज की शिकायत को भी दूर होती है।

5. जामुन में फ्लेवोनॉइड्स, फेनॉल्स, प्रोटीन और कैल्शियम भी पाया जाता है, जो सेहत के लिए लाभकारी होता है।

6. ग्लूकोज और फ्रक्टोज के रूप में मिलने वाली शुगर शरीर को हाईड्रेट करने के साथ ही कूल और रिफ्रेश करती है।

7. अगर आपको कमजोरी महसूस होती है या आप एनीमिया से पीड़ित हैं तो जामुन का सेवन आपके लिए फायदेमंद रहेगा।

8. यदि आपको एसिडिटी की समस्या रहती है तो काले नमक में भुना जीरा मिलाकर पीस लें। फिर इसके साथ जामुन का सेवन करें। एसिडिटी की समस्या दूर हो जाएगी।

10. यदि आपका बच्चा बिस्तर गीला करता है तो जामुन के बीजों को पीसकर आधा-आधा चम्मच दिन में दो बार पानी के साथ पिलाएं।

11. गले के रोगों में जामुन की छाल को बारीक पीसकर सत बना लें। इस सत को पानी में घोलकर 'माउथ वॉश' की तरह गरारा करें। इससे गला तो साफ होगा ही, सांस की दुर्गंध भी बंद हो जाएगी और मसूढ़ों की बीमारी भी दूर हो जाएगी।

12. विषैले जंतुओं के काटने पर जामुन की पत्तियों का रस पिलाना चाहिए। काटे गए स्थान पर इसकी ताजी पत्तियों का पुल्टिस बांधने से घाव  ठीक होने लगता है क्योंकि, जामुन के चिकने पत्तों में नमी सोखने की अद्भुत क्षमता होती है।

शनिवार, 2 अप्रैल 2016

ठंडा पानी शरीर के लिए सिर्फ नुकसानदायक


20 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान का पानी शरीर के लिए नुकसानदायक है। मनुष्य के शरीर का सामान्य तापमान 98.6 डिग्री फॉरेनहाइट यानी 37 डिग्री सेल्सियस होता है। ऐसे में अगर आप 20  डिग्री सेल्सियस से कम तापमान का पानी पीते हैं तो आपके शरीर में तापमान का एक बड़ा अंतर हो जाएगा। इस अंतर को कवर करने में आपके शरीर को एक अतिरिक्त ऊर्जा खर्च करनी पड़ेगी। जबकि यह उर्जा भोजन को पचाने के लिए खर्च होनी थी, ऐसे में ठंडा पानी आपके पाचन को भी प्रभावित करता है। यही वजह है कि जब भी हम ठंडा पानी पीते हैं तो उसे उसे निगलने में थोड़ा समय लगता है, क्योंकि पहले पानी मुंह में ही रहता है जब उसका तापमान सामान्य हो जाता है, तभी गला उसे नीचे उतारता है और अधिक समय तक ठंडा पानी पीते रहने से टॉन्सिल्स की समस्या उत्पन्न होती है।

ठंडा पानी पीने से होने वाले ये तीन बड़े नुकसान


1.  हृदय गति कम करता है 


 ठंडा पानी पीने से आपके हृदय की गति कम हो जाती है। अध्ययनों से पता चला है कि ठंडा पानी वेगस तंत्रिका को उत्तेजित करता है। वेगस तंत्रिका 10 वीं कपाल तंत्रिका है तथा यह शरीर के स्वायत्त तंत्रिका प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो शरीर के अनैच्छिक कार्यों को नियंत्रित करती है। वेगस तंत्रिका हृदय की गति को कम करने में मध्यस्थता करती है तथा ठंडा पानी इस तंत्रिका को उत्तेजित करता है। इसके कारण हृदय की गति कम हो जाती है।

 2. शरीर में पोषक तत्वों की कमी 


ठंडा पानी आपके भोजन की पाचन प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करता है, क्योंकि ठंडा पानी पीने से रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं। इससे पाचन की प्रक्रिया धीमी पड़ जाती है। जब पाचन ठीक से नहीं होगा तो भोजन के पोषक तत्व भी शरीर में नहीं लगेंगे।

3. कब्ज की समस्या 


 ठंडा पानी पीने से शरीर में बनने वाले पाचक रस का तापमान भी कम हो जाता है। इससे भोजन के पाचन में कठिनाई होती है और ठंडे पानी से पेट की बड़ी आंत भी सिकुड़ जाती है जो कब्ज का मुख्य कारण है। जिन लोगों को अक्सर कब्ज की समस्या होती है उन्हें ठंडा पानी पीने से बचना चाहिए।